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Pratidhvani

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प्रतिध्वनि – कहानियाँ कुछ अनसुनी और अद्भुत

 

कुछ कहानियाँ समय की दीवारों में दब जाती हैं, पर उनकी गूंज — प्रतिध्वनि — हमेशा हमारे भीतर कहीं न कहीं जीवित रहती है। यह संकलन ऐसी ही पाँच कहानियों की बुनावट है, जो बीते कालखंडों की अनकही संवेदनाओं, रहस्यों और अद्भुत घटनाओं से पाठकों को रूबरू कराती है।

 

कभी एक शांत ग्रामीण यात्रा अचानक जीवन और मृत्यु की सरहद पर जा पहुँचती है। कभी एक आत्मा अपने अधूरे सच को पूरा करवाने लौटती है। एक मासूम स्त्री के जीवन में ऐसा मोड़ आता है, जो उसकी पहचान और भविष्य दोनों को पुनर्परिभाषित कर देता है। कहीं एक क्रांतिकारी की कहानी इतिहास से निकलकर प्रेम के ऐसे रंगों में रंग जाती है जो कभी दर्ज ही नहीं हुए। और एक जगह — समय, विज्ञान और सत्ता की जटिलताओं के बीच — एक असंभव-सी यात्रा शुरू होती है।

 

हर कहानी अपने भीतर एक रहस्य समेटे हुए है — कोई अदृश्य, कोई अनकहा, कोई असंभव-सा।

"प्रतिध्वनि" सिर्फ अतीत को नहीं दोहराती, बल्कि उन संवेदनाओं को सामने लाती है जो अक्सर इतिहास के पन्नों के पीछे छिप जाती हैं।

 

यह संग्रह उन पाठकों के लिए है जो कहानियों में सिर्फ घटनाएँ नहीं, बल्कि उनकी परछाइयाँ महसूस करना चाहते हैं।

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    B. Talekar
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